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ज़िला प्रशासन के मुताबिक़, रास्ता बनाने के लिए लोहे का बैरीकेड काटकर वहां पर लोहे का एक गेट लगाया गया.
अब वाराणसी की ज़िला अदालत के फैसले के बाद वहां पर कोर्ट के नियुक्त किए गए रिसीवर (डीएम वाराणसी) ने पूजा, राग-भोग फिर से शुरू करवाया है.
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छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है. इस दिन भोग तैयार किया जाता है. शाम के समय मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है.
वाराणसी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, तहख़ाना खुलवा कर पूजा करवाने की अपनी चुनौतियां थीं.
प्रशासन को अपनी कार्रवाई करने के लिए पहले more info परिसर को खाली करवाना था और उस में भी कुछ समय लगा.
साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है. आइए जानते हैं इस साल किस तारीख को है नहाय खाय और खरना.
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हिन्दू पक्ष उसे अपनी याचिकाओं में व्यास जी का तहख़ाना भी कहता है.
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ज्ञानवापी: व्यास तहख़ाने में आठ मूर्तियों की पूजा कैसे शुरू हुई
वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिश्नर ने काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन से और पास के थाना चेतगंज के अधिकारियों से फीडबैक लेकर यह तय किया कि प्रशासन फेंस काटने की कार्रवाई और पूजा देर रात में करवाएगा.
इमेज कैप्शन, ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर पुलिस तैनात है.
इसमें पत्थर के बिना शिवलिंग के दो अरघे, एक भगवान विष्णु की मूर्ति, दो भगवान हनुमान की मूर्ति, एक भगवान गणेश की, एक राम लिखा हुआ छोटा सा पत्थर और एक गंगा जी का मकर है.
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